Thursday, January 11, 2024

शोले नफ़रत के

शोले नफ़रत के, ये बँटवारे, ये सहमी बस्ती
सब सियासत के इशारों का पता देते हैं

                    -लक्ष्मीशंकर वाजपेयी

No comments: