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Wednesday, January 24, 2024
बढ़ते जाते
बढ़ते जाते टैक्स दनादन जनता भूखों मरती है
रिश्वत का बाज़ार गरम अब बिल्कुल खुल्लमखुला है
-गंगाभक़्त सिंह ‘भक़्त’
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