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Wednesday, January 24, 2024
फिर हाथ मिलायेंगे
फिर हाथ मिलायेंगे तो शर्मिन्दगी होगी
ये सोच के रिश्तों की इबादत नहीं छोड़ी
-जावेद अकरम फारूक़ी
[ जावेद अकरम फारूक़ी, 01-06-1960, फतेहगढ़, फर्रुखाबाद, उ.प्र.]
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