Sunday, January 07, 2024

आँगन में धूप

आँगन में धूप, धूप को ओढ़े उदासियाँ 
घर में थे ज़िंदगी के निशाँ कम बहुत ही कम

-पी पी श्रीवास्तव ‘रिंद’

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