Wednesday, February 14, 2024

ऐ ख़ाक-नशीनो

ऐ ख़ाक-नशीनो उठ बैठो वो वक़्त क़रीब आ पहुँचा है
जब तख़्त गिराए जाएँगे जब ताज उछाले जाएँगे
        
                        -फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

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